कहानी उस दौर की है जब भारत में टू-व्हीलर का मतलब सिर्फ एक ज़रिया होता था – सफर तय करने का। लेकिन 1983 में जब Hero Honda CD 100 लॉन्च हुई, तो इसने सफर के मायने ही बदल दिए। न सिर्फ पेट्रोल की बचत, बल्कि भरोसे और परफॉर्मेंस का ऐसा मेल लेकर आई कि गांव से लेकर शहर तक हर कोई इसका दीवाना बन गया।
Honda CD 100 की खास बाते
CD 100 सिर्फ एक बाइक नहीं थी, ये एक सोच थी। “Fill it, Shut it, Forget it” जैसी टैगलाइन ने इसे देश के हर कोने में पहुँचा दिया। यह पहली बार था जब 96cc का फोर-स्ट्रोक इंजन आम भारतीयों की पहुंच में आया, जो 80 किमी/लीटर का माइलेज देता था। तब बाजार टू-स्ट्रोक बाइकों से भरा था, ऐसे में CD 100 का आना एक तकनीकी क्रांति जैसा था।
Honda CD 100 डिज़ाइन
CD 100 का लुक सिंपल था, लेकिन उसमें जो दम था, वो किसी स्पोर्ट्स बाइक से कम नहीं था। इसकी रिपेयरिंग लागत बेहद कम थी और स्पेयर पार्ट्स हर जगह मिल जाते थे। यही वजह थी कि गांव की कच्ची सड़कों से लेकर शहर की व्यस्त गलियों तक इस बाइक ने अपनी जबरदस्त पकड़ बना ली।
दो दशक का बेहताज बादशाह
1985 से लेकर 2004 तक, CD 100 ने अकेले लाखों यूनिट्स की बिक्री की। युवाओं के लिए यह स्टाइल का प्रतीक बनी, जबकि परिवारों के लिए यह भरोसे का नाम। गांवों में इसकी मजबूत पकड़ और शहरों में इसका माइलेज – दोनों ने मिलकर Hero को एक नई ऊंचाई दी।
अब भी जिंदा है इसकी विरासत
आज भले ही CD 100 सड़कों से कम दिखे, लेकिन इसकी छवि अब भी गांवों में कहीं न कहीं नजर आ जाती है। Hero Splendor भले ही आज की बेस्टसेलिंग बाइक हो, लेकिन जो रुतबा और पहचान CD 100 ने दिलाई, वह इतिहास बन चुकी है।